आबकारी नीति: मनी लॉन्ड्रिंग केस में दिल्ली की कोर्ट ने सिसोदिया को जमानत देने से किया इनकार

शुक्रवार को दिल्ली की एक अदालत ने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा जांच की जा रही दिल्ली आबकारी नीति मामले में पूर्व उपमुख्यमंत्री और आप नेता मनीष सिसोदिया की जमानत याचिका खारिज कर दी है। यह आदेश विशेष न्यायाधीश एम.के. नागपाल ने 18 अप्रैल को सुरक्षित रख लिया था। 

इससे एक दिन पहले ही कोर्ट ने इसी मामले में सिसोदिया की न्यायिक हिरासत दो हफ्ते के लिए बढ़ा दी थी। इसी तरह, गुरुवार को अदालत ने केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा जांच की जा रही मामले में उनकी न्यायिक हिरासत 12 मई तक बढ़ा दी। ईडी ने दावा किया कि सिसोदिया ने यह दिखाने के लिए मनगढ़ंत ईमेल प्लांट किए थे कि नीति के लिए सार्वजनिक स्वीकृति थी। 

ईडी के अनुसार, दिल्ली अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष जाकिर खान को ये पूर्व-तैयार ईमेल भेजने के लिए निर्देशित किया गया था, जिसे उन्होंने अपने इंटर्न को भेजने के लिए कहा था। एजेंसी ने यह भी कहा कि सिसोदिया के खिलाफ जांच पूरी करने के लिए दी गई 60 दिन की समय सीमा अभी समाप्त नहीं हुई है। एजेंसी ने आगे कहा कि नए सबूत मिले हैं, जो कथित घोटाले में सिसोदिया की संलिप्तता का संकेत देते हैं, और जांच एक महत्वपूर्ण चरण में है।